International Journal of Multidisciplinary Trends
  • Printed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

2023, Vol. 5, Issue 4, Part A

ग्रामीण संदर्भ में सामाजिक समावेशनः दशा एवं दिशा


Author(s): सरिता

Abstract:
भारत एक ग्राम प्रधान देश है, इसकी 68.8 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। यह समाज मुख्यतः कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक स्तरीकरण पाया जाता है। यहाँ परम्परागत रूप से जाति-व्यवस्था की उपस्थिति पाई जाती हैं। पुरुष प्रधान, स्तरीकृत एवं जाति-व्यवस्था पर आधारित ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से वर्गों की सामाजिक सहभागिता की स्थिति दयनीय है। वंचित वर्गों की दशा को सुधारने के लिए, सरकारों ने बहुत सी योजनाएँ, नीतियाँ एवं कार्यक्रम चलाए परन्तु अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ करना शेष है। ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की तुलना में सुविधाओं की कमी रहती है और यह भी इन क्षेत्रों के लोगों के सामाजिक समावेशन में बाधक है। इस शोध लेख में ग्रामीण संदर्भ में सामाजिक समावेशन की स्थिति कैसी है, उसकी दशा कैसी है एवं किस प्रकार वंचित वर्गों का पर्याप्त सामाजिक समावेशन किया जाए उसके सामाजिक समावेशन की क्या दिशा होनी चाहिए इन प्रमुख मुद्दों की पड़ताल की गई है एवं विमर्श किया गया है।


Pages: 01-04 | Views: 329 | Downloads: 113

Download Full Article: Click Here

International Journal of Multidisciplinary Trends
How to cite this article:
सरिता. ग्रामीण संदर्भ में सामाजिक समावेशनः दशा एवं दिशा. Int J Multidiscip Trends 2023;5(4):01-04.
International Journal of Multidisciplinary Trends
Call for book chapter
Journals List Click Here Research Journals Research Journals